धर्म वाणी dharamvani
Wednesday 31 October 2012
ज्ञानं प्रधानं न तु कर्महीनं कर्म प्रधानं न तु बुद्धिहीनम्!
(भागवत 4/24/75)
ज्ञान प्रधान है परंतु कर्महीन नहीं और कर्म भी प्रधान है
परंतु बुद्धिहीन नहीं!
1 comment:
ताऊ रामपुरिया
27 July 2013 at 21:07
बहुत ही सशक्त वाक्य, याद दिलाने के लिये आभार.
रामराम.
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बहुत ही सशक्त वाक्य, याद दिलाने के लिये आभार.
ReplyDeleteरामराम.